Not known Factual Statements About bhairav kavach

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कथयामि श्रृणु प्राज्ञ बटुककवचं शुभम्।

ॐ ह्रीं पादौ महाकालः पातु वीरासनो हृदि ॥ १३॥

पूर्वस्यां असितांगो मां दिशि रक्षतु सर्वदा ।

ॐ ह्रीं विश्वनाथः सदा पातु सर्वाङ्गं मम सर्वदः ॥ १५॥

साधक कुबेर के जीवन की तरह जीता है और हर जगह विजयी होता है। साधक चिंताओं, दुर्घटनाओं और बीमारियों से मुक्त जीवन जीता है।

वाद्यम् वाद्यप्रियः पातु भैरवो नित्यसम्पदा

ऊर्ध्वं पातु विधाता च पाताले नन्दको विभुः

बटुक भैरव कवच का व्याख्यान स्वयं महादेव ने किया है। जो इस बटुक भैरव कवच का अभ्यास करता है, वह सभी भौतिक सुखों को प्राप्त करता है।

सततं पठ्यते यत्र तत्र भैरव संस्थितिः।।

इति श्री काल भैरव ब्रह्म कवच प्राकीर्थितम

सर्वव्याधिविनिर्मुक्तः वैरिमध्ये विशेषतः ॥ २२॥

भगवान शिव ने पांच साल के बच्चे का अवतार धारण किया जिसे बटुक भैरव कहा जाता bhairav kavach है।

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